Happy Holi Kavita in Hindi Poem होली पर कविता रंगों का त्योहार होली पर कविता होली पर कविताएं 2022- होली पर कविता हिंदी में – Poem on Holi in Hindi Language- Holi Bal Kavita- Free PDF Download Holi Kavita in Hindi

होली पर हिन्दी कविता

Happy Holi Kavita in Hindi Poem

रंगों का त्योहार है होली

खुशियों की बौछार है होली

लाल गुलाबी पीले देखो

रंग सभी रंगीले देखों

पिचकारी भर-भर ले आते

इक दूजे पर सभी चलाते

होली पर अब ऐसा हाल

हर चेहरे पर आज गुलाल

आओ यारो इसी बहाने

दुश्मन को भी चलो मनाने

Hindi Poem on Holi Festival

होली का त्योहार आया

खुशियों की सौगात लाया,

रंगो की उड़ान लाया।

होली का त्यौहार आया

प्यार की गंगा संग में लाया,

सबके मन को भाया।

होली का त्योहार आया

चंग और थाप की टोली लाया,

गीत मल्हार को संग में लाया।

होली का त्योहार आया

एक दूजे को रंग में रंगने आया,

सब के साथ घुल मिलने को आया।

होली का त्योहार आया

ग्रीष्म ऋतु को संग में लाया,

रंगो और उमंगो की पहचान लाया।

Holi Poetry Hindi

रंग फुहारों से हर ओर भींग रहा है घर आगंन

फागुन के ठंडे बयार से थिरक रहा हर मानव मन !

लाल गुलाबी नीली पीली खुशियाँ रंगों जैसे छायीं

ढोल मजीरे की तानों पर बजे उमंगों की शहनाई !

गुझिया पापड़ पकवानों के घर घर में लगते मेले

खाते गाते धूम मचाते मन में खुशियों के फूल खिले !

रंग बिरंगी दुनिया में हर कोई लगता एक समान

भेदभाव को दूर भागता रंगों का यह मंगलगान !

पिचकारी के बौछारों से चारो ओर छाई उमंग

खुशियों के सागर में डूबी दुनिया में फैली प्रेम तरंग !

Holi Poem in Hindi Language

रंग रंगीले रंग लेकर होली का त्योहार आया,

रंगो की मतवाली होली आयी।

कोई गुलाल तो कोई पक्का रंग लगाता,

सब एक दूसरे के संग आंख मिचौली करते।

सभी खेल रहे है होली,

संग में नाचते गाते धूम मचाते।

राम रहीम बने हमजोली,

मिलकर एक दूसरे के संग होली मनाते।

ना किसी से कोई बैर है ना कोई मलाल,

ना जाति ना धर्म, सब एक दूजे के रंग में रंगे है।

मौसम ने भी ली है अंगड़ाई,

पेड़ पौधे भी रंग बिरंगे फूल है लाए।

रंग रंगीले रंग लेकर भेदभाव मिटाने आया,

सबका प्यारा होली का त्योहार आया।

Holi Kavita in Hindi

तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।

देखी मैंने बहुत दिनों तक

दुनिया की रंगीनी,

किंतु रही कोरी की कोरी

मेरी चादर झीनी,

तन के तार छूए बहुतों ने

मन का तार न भीगा,

तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।

Holi Poems in Hindi

रंगवाले देर क्या है मेरा चोला रंग दे ।

और सारे रंग धो कर रंग अपना रंग दे ॥

कितने ही रंगो से मैने आज तक है रंगा इसे ।

पर वो सारे फीके निकले तू ही गाढ़ा रंग दे ॥

तूने रंगे हैं ज़मीं और आसमां जिस रंग से ।

बस उसी रंग से तू आख़िर मेरा चोला रंग दे ॥

मैं तो जानूंगा तभी तेरी ये रंगन्दाज़ियां ।

जितना धोऊं उतना चमके अब तो ऐसा रंग दे ॥

Holi Par Kavita

होली है आई आज मेरे द्वार,

मिल जाएंगे सखा सहेली और पुराने यार,

शोर से मोहल्ला सराबोर है,

होली गीत के ही बजते ढ़ोल है,

कोई बजाए ढोलक कोई मंजीरे,

कोई बजाए लिए रंग गुलाल हाथ में कोई भरे पिचकारी,

कोई झूमे भंगे के नशे में कोई फाग के गीतों में,

दिल से दिल मिल जाए, कोयल यही मल्हार गाये।

रंग रंगीला है यह त्यौहार साज जाए यादे जब मिले जाए यार....!

Poem on Holi in Hindi For Class 3 To 6

साजन! होली आई है!

सुख से हँसना

जी भर गाना

मस्ती से मन को बहलाना

पर्व हो गया आज-

साजन! होली आई है!

हँसाने हमको आई है!

साजन! होली आई है!

इसी बहाने

क्षण भर गा लें

दुखमय जीवन को बहला लें

ले मस्ती की आग-

साजन! होली आई है!

जलाने जग को आई है!

Famous Kavita Holi

होली का त्यौहार जब आता है,

बच्चों का मन खुशियों से भर जाता है।

रंग बिरंगे लाल, गुलाबी, हरे, नीले, पीले,

रंग यह सब के मुख्य रंग जाते है।

ठंडाई और शरबत का स्वाद है,

और मिठाई का मिठास सबके मन को ललचाता है।

ढोल नगाड़े बजाती टोलियां सब के घर जाती है,

गीत मल्हार गाते सबके मन को हर्षाते है।

बड़े-बूढ़े सब होली के रंग में झूम उठते है,

एक दूसरे को गले लगाते, रंग उड़ाते है।

एक दूसरे के घर सब मिलने जाते है,

सालों पुरानी दुश्मनी भुलाते है।

सभी लोग मिठाइयां बांटते बधाइयां देते है,

होली का त्योहार जब आता है।

Holi Ki Bal Kavitayen

मन में भर उल्लास, मुट्ठियां भर भर रंग लिये

सांझ से ही आ बैठी, होली मादक गंध लिये

एक हथेली मे चुटकी भर ठंडा सा अहसास

दूजे हाथ लिये किरची भर नरम धूप सौगात

उजियारे के रंग पूनमी मटियाली बू-बास

भीगे मौसम की अंगड़ाई लेकर आई पास

अल्हड़-पन का भाव सुकोमल पूरे अंग लिये

सांझ से ही आ बैठी होली मादक गंध लिये

लहरों से लेकर हिचकोले,पवन से अठखेली

चौखट-चौखट बजा मंजीरे, फिरती अलबेली

कहीं से लाई रंग केसरी, कहीं से कस्तूरी

लाजलजीली हुई कहीं पर खुल कर भी खेली

नयन भरे कजरौट अधर भर भर मकरंद लिये

सांझ से ही आ बैठी ,होली मादक गंध लिये...!

होली की मस्ती कविता

देखो देखो रंगों की बहार आयी है

कैसी ये रंगत कैसी ये रोशनी आयी है,

देखो होली आई है अपने संग खुशियां लायी है।

होली के रंगों से यह जग हर्षाया

मित्र संबंधी सब घर आते,

शत्रु भी खुद को रोक न पाते।

पीला, हरा, गुलाबी, नीला, लाल

रंग गुलाल सब चेहरों पर लगाते है,

होली की एक अनूठी गाथा गाते।

सब मस्ती में चूर हंसते गाते

एक दूजे के संग झूमते और रंग लगाते,

सभी को गले लगाते बधाइयां देते।

रिश्तो में प्रेम बढ़ाता

गिले-शिकवे सब मिटाता,

देखो यह होली का त्योहार सबको भाता।

Holi Kavita in Hindi

रंग गुलाल लिये कर में निकली मतवाली टोली है

ढोल की थाप पे पाँव उठे औ गूँज उठी फिर ’होली है

कहीं फाग की तानें छिड़ती हैं कहीं धूम मची है रसिया की

गोरी के मुख से गाली भी लगती आज मीठी बोली है

बादल भी लाल गुलाल हुआ उड़ते अबीर की छटा देख

धरती पे रंगों की नदियाँ अंबर में सजी रंगोली है

रंगों ने कलुष जरा धोया जो रोक रहा था प्रेम-मिलन

मन मिलकर एकाकार हुये, प्राणों में मिसरी घोली है

सबके चेहरे इकरूप हुये, ’अजय’ न भेद रहा कोई

यूँ सारे अंतर मिट जायें तो हर दिन यारो होली है...!

Holi Kavita in Hindi

होली आयी, होली आयी,

मौसम रंग बिरंगा लायी

रंग लाए, गुलाल लाए,

बच्चे लाए पिचकारी प्यारी।

गली गली में होली का शोर है,

बिछड़े साथी गले मिले।

होली पर मिलती सब को मीठी मिठाई,

सब देते एक दूसरे को होली की बधाई।

होली पर करते सभी धूम धड़ाका,

कोई नाचता, कोई गाता तो कोई रंग लगाता।

दुश्मन भी मित्रता करने से रोक न पाते,

सभी एक दूसरे के संग खुशियां बांटते।

होली है बुराई पर अच्छाई का प्रतीक,

होली आयी होली आयी।

Holi Hindi Poem

होली है भई होली है,

प्यार भरी रंगोली है।

आओ मिलकर साथ चले,

सबसे जाकर गले मिले।

लो अपनी टोली निकली,

धूम मची है गली-गली।

पीला, हरा, गुलाबी, लाल,

चले हाथ में लिए गुलाल।

सबसे अपनी यारी है,

रंग बिरंगी पिचकारी है।

नाच रहे है खड़े-खड़े,

झूम रहे है बड़े बड़े।

यह सब का त्योहार है,

हमको सबसे प्यार है।

Hindi Poem on Holi

रंग में रंग मिल गए

मन से मन मिल गए,

होली में सब रंग खिल गए।

सब के मन खिल गए

दिल से दिल मिल गए,

होली में सब घुल मिल गए।

पिचकारियों में रंग भर गए

रंग गुलाल उड़ गए,

होली में सब घुल मिल गए।

तन-मन सब रंग बिरंगे हो गए

बच्चे बूढ़े सब मस्त हो गए,

होली में सब घुल मिल गए।

गरीब अमीर सब एक हो गए

जाति धर्म सब भूल गए,

होली में सब घुल मिल गए।

Hindi Poem on Holi

एक दुसरे के संग यु झूम गए

वर्षो पुरानी दुश्मनी भूल गए,

होली में सब घुल मिल गए।

बिछड़े हुए सब यार मिल गए

सब रिश्तेदार मिल गए,

होली में सब घुल मिल गए।

Hindi Poem on Holi

रंग -रंगीली मस्ती वाला,

आया है होली का त्यौहार।

प्रेम भाव से इसे मनायें,

न हो कोई भी तकरार।

रंग -बिरंगे इस पर्व पर,

होता बिना किये श्रृंगार।

नाचे गायेंग ढोल बजायें,

हम बच्चों की टोली भरमार।

रंग लगायें एक दूजे को,

करे प्रेम रस की बौछार।

जाती -मजहब सब भूले आज,

बड़ों को आदर , छोटो को दें प्यार।

रीत -प्रीत , गीत -मीत और,

रंग उमंग तरंग उपहार।

भेद भाव मिटाने दिल का,

आता है होली का त्यौहार।

Hindi Poem on Holi

डगर डगर गांव शहर उड़े रे उड़े गुलाल उड़े

चंग, ढोल और थाप चहु और सुने रे सुने,

होली आयी रे, आयी होली आयी।

गीतों की राग मन बहलाये रे बहलायें

रंग ऐसे उड़े, मन से मन मिले रे मिले,

होली आयी रे, आयी होली आयी।

बच्चे, बूढ़े सब में मस्ती की उमंग उठे रे उठे

अपनों संग कितने दिनों बाद मिले रे मिले,

होली आयी रे, आयी होली आयी।

सुबह शाम ऐसे बीते रे बीते

रंग बिरंगे रंगों में दिन बीते रे बीते,

होली आयी रे, आयी होली आयी।

संध्या होते ही ढप और चंग बाजे रे बाजे

चटपटी मिठाइयों का स्वाद आया रे आया,

होली आयी रे, आयी होली आयी।

जात-पात के सब बैर मिटे रे मिटे

शत्रुओ के हाथ मित्रता को बढ़े रे बढ़े,

होली आयी रे, आयी होली आयी।

Hindi Poem on Holi

रंग बिरंगी सबसे न्यारी सबसे प्यारी

रंग गुलाल की पिचकारी,

हम सब को सबसे प्यारी होली हमारी।

रंग में रंग मिल गए

मन से मन मिल गए,

होली में सब रंग खिल गए।

परंपरा की पहचान है होली हमारी

खुशियों का पैगाम है होली हमारी,

रिश्तो की अंगूठी पहचान है होली हमारी।

ढोल नगाड़े खूब बजाये

खूब नाचे, झूम झूम कर नाचे,

धूमधाम से सबने है होली मनाई

बच्चे करते सबसे मस्ती न्यारी

पिचकारी से रंग उड़ाए, गुब्बारों में रंग भर के मारे,

रंग बिरंगी सबसे प्यारी होली हमारी।

Holi ka Tyohar Jab Aata Hai Hindi Kavita

होली है आई आज मेरे द्वार

मिल जायेंगे सखा सहेली और पुराने यार

शोर से मोहल्ला सराबोर हैं

होली गीत के ही बजते ढोल हैं

कोई बजाये ढोलक कोई मंजीरे

कोई लिए रंग गुलाल हाथ में

कोई भरे पिचकारी

कोई झूमे भंग के नशे में

कोई फाग के गीतों में

दिल से दिल मिल जाये

कोयल यही मल्हार गाये

रंग रंगीला है यह त्यौहार

सज जाए यांदे जब मिल जाए यार.

Holi Aayi Holi Aayi Hindi Poem

ऋतुओं पर ठहरा गुलाल है

रंग रंगा हर नौनिहाल है

कोयल कूहू बोली है

होली है भई होली है

नया घाघरा नई कुर्तियाँ

नये पजामे नई जूतियाँ

चूड़ी चुनरी चोली है

होली है भई होली है

Short Poem on Holi in Hindi

बुराइयों को छोड़ जाना,

अच्छाईयों को अपना जाना,

खुशियों को बांट जाना,

होली के रंग में रंग जाना।

रूठे हुए को मना जाना,

बिछड़े हुए को मिला जाना,

दुखों को बांट जाना,

होली के रंग में रंग जाना।

पकवानों को साथ लाना,

गरीबोँ को साथ खिलाना,

तोहफे को बांट जाना,

होली के रंग में रंग जाना।

दुआओं को संग लाना,

आशीर्वादों को समेट जाना,

हर किसी को गले लगाना,

होली के रंग में रंग जाना।

Poem on Holi Festivals in Hindi

एक बार फिर होली आई है,

साथ ढेर सारी यादे लाई है।

याद आती है वो बचपन की होली,

गुब्बारों से जब खेला करते थे।

पिचकारियों में रंग भरा करते थे,

दोस्तों से रंगों पे झगड़ा करते थे।

याद आती है वो ठुमको वाली होली,

नाचते हुए जब झुमा करते थे,

ठहाके के संग जिया करते थे,

अपनों को भी रंग लगवाया करते थे।

याद आती है वो पकवानों वाली होली,

गुजियों की थाली को देखा करते थे,

पेट भर के जब खाया करते थे,

गरीबों को भी खिलाया करते थे।

याद आती है वो बचपन वाली होली,

दिल से जब जिया करते थे।

Holi Par Kavita in Hindi

होली का त्योहार आया
खुशियों की सौगात लाया,
रंगो की उड़ान लाया।

होली का त्यौहार आया
प्यार की गंगा संग में लाया,
सबके मन को भाया।

होली का त्योहार आया
चंग और थाप की टोली लाया,
गीत मल्हार को संग में लाया।

होली का त्योहार आया
एक दूजे को रंग में रंगने आया,
सब के साथ घुल मिलने को आया।

होली का त्योहार आया
ग्रीष्म ऋतु को संग में लाया,
रंगो और उमंगो की पहचान लाया।

होली पर कविता | Hindi Poem on Holi

होली का त्योहार आया

खुशियों की सौगात लाया,

रंगो की उड़ान लाया।

होली का त्यौहार आया

प्यार की गंगा संग में लाया,

सबके मन को भाया।

होली का त्योहार आया

चंग और थाप की टोली लाया,

गीत मल्हार को संग में लाया।

होली का त्योहार आया

एक दूजे को रंग में रंगने आया,

सब के साथ घुल मिलने को आया।

होली का त्योहार आया

ग्रीष्म ऋतु को संग में लाया,

रंगो और उमंगो की पहचान लाया। 

सच है, नहीं ठिठोली है

चेहरों पर रंगोली है

देश देश में गाँव गाँव में

होली है भई होली है

पत्रिकाओं में अखबारों में

गली गली में चौबारों में

हम मस्तों की टोली है

होली है भई होली है

कहीं रंग है कहीं भंग है

बड़ी उमंग में कहीं चंग है

मौसम भी हमजोली है

होली है भई होली है

कहीं राग है कहीं फाग है

चौरस्ते होलिका आग है

ठंडाई भी घोली है

होली है भई होली है

धूप धूप में छाँह छाँह में

हर अंजुरी हर एक बाँह में

गुझिया पूरनपोली है

होली है भई होली है...

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